Sawan 2025: सावन 2025 के तीसरे सोमवार पर शिवलिंग पर चढ़ाए ये चमत्कारी पत्ते! महादेव होते हैं प्रसन्न!
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभ समय माना जाता है! यह महीना भक्ति, तपस्या और आस्था का प्रतीक है। इस दौरान सोमवार का विशेष महत्व होता है जिसे “श्रावण सोमवर व्रत” कहा जाता है! वर्ष 2025 में सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई 2025 को पड़ेगा! इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और विशेष प्रकार के पत्ते व फूल अर्पित कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं!
आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी अपने इस लेख में जानें कि सावन के तीसरे सोमवार को शिवलिंग पर कौन-कौन से पवित्र पत्ते चढ़ाने चाहिए, उनका क्या धार्मिक महत्व है, और इनसे क्या फल प्राप्त होता है!
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति धरती पर विशेष ऊर्जा का संचार करती है! यही समय होता है जब भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है! जो व्यक्ति इस समय शुद्ध मन, संयमित आहार और भक्ति भाव से पूजा करता है, उसकी सारी बाधाएं दूर होती हैं! सोमवार का संबंध चंद्रमा से होता है और चंद्रमा का मन तथा भावनाओं पर प्रभाव होता है, अतः इस दिन की गई आराधना मानसिक शांति और मनोकामना पूर्ति में अत्यधिक फलदायी मानी जाती है!
🔱 शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले विशेष पत्तों की सूची और उनके लाभ:
1. बिल्वपत्र (बेलपत्र)
महत्व: भगवान शिव को बिल्वपत्र सर्वाधिक प्रिय है! “बिल्वपत्रं शिवप्रियं” शास्त्रों में कहा गया है!
कैसे चढ़ाएं: ताज़ा, त्रिपत्रीय (तीन पत्तियों वाला) बिल्वपत्र चढ़ाना चाहिए! पत्र खंडित या सूखा न हो! बेलपत्र 21 लेने है और इन पर शहद से “ओम” लिख कर शिवलिंग पर चढ़ाए!
लाभ: सभी प्रकार की पाप बाधा से मुक्ति, पुण्य की प्राप्ति और स्वास्थ्य लाभ!
2. दूर्वा घास
महत्व: दूर्वा वैसे तो श्रीगणेश को प्रिय है, परंतु शिव को दूर्वा अर्पित करने से आयु वृद्धि और रोगों से मुक्ति मिलती है!
कैसे चढ़ाएं: साफ़ दूर्वा को शिवलिंग पर हल्के से अर्पित करें!
लाभ: मानसिक तनाव दूर होता है और दीर्घायु का वरदान मिलता है!
3. अकौड़ा (अर्कपत्र)
महत्व: शिवजी को अकौड़ा (अर्क का पत्ता) अर्पण करने से शत्रु बाधा, कर्ज़ मुक्ति और न्यायिक मामलों में विजय प्राप्त होती है!
कैसे चढ़ाएं: पत्ते को उल्टा न रखें। सही दिशा में रखें!
लाभ: कष्टों से राहत और आत्मबल में वृद्धि!
4. धतूरा पत्ता
महत्व: शिवजी को धतूरा अत्यंत प्रिय है क्योंकि यह विष का प्रतीक है और शिव ‘नीलकंठ’ हैं!
कैसे चढ़ाएं: पुष्प और पत्ते दोनों चढ़ा सकते हैं!
लाभ: विषैले प्रभाव, मानसिक भ्रम, और ग्रह दोष से रक्षा!
5. आंवला पत्ता
महत्व: आंवले को सप्तऋषियों का प्रतीक माना जाता है और शिवलिंग पर इसके पत्ते चढ़ाने से आध्यात्मिक उन्नति होती है!
कैसे चढ़ाएं: साफ और हरे पत्ते का उपयोग करें!
लाभ: ज्ञान में वृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और साधना में सफलता!
6. पीपल पत्ता
महत्व: पीपल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास माना गया है! शिवलिंग पर इसका पत्ता चढ़ाने से त्रिदेव की कृपा मिलती है!
कैसे चढ़ाएं: जल अर्पण के बाद पीपल का पत्ता रखें!
लाभ: पूर्वजों का आशीर्वाद, कुल दोष निवारण!
#राशि अनुसार पत्तों का चयन करे;
#मेष, सिंह, धनु: धतूरा व बिल्वपत्र
#वृषभ, कन्या, मकर: पीपल व दूर्वा
#मिथुन, तुला, कुंभ: अकौड़ा, आंवला
#कर्क, वृश्चिक, मीन: बिल्वपत्र, दूर्वा
#ग्रह शांति हेतु:
#चंद्र दोष: दूर्वा और सफेद फूल चढ़ाएं
#शनि दोष: पीपल का पत्ता व काले तिल
#राहु-केतु बाधा: धतूरा, बेलपत्र के साथ पंचामृत
🔱 पूजा की विधि सावन के तीसरे सोमवार;
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें!
2. शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें!
3. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से शिवलिंग का स्नान कराएं!
4. बेलपत्र, धतूरा, दूर्वा आदि पत्ते क्रम से चढ़ाएं!
5. “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें!
6. दीप, धूप, नैवेद्य अर्पण करें और आरती करें!
7. अपनी मनोकामना मन ही मन प्रकट करें!
*इच्छा पूर्ति के लिए चढ़ाए जाने वाले पत्ते;;
#विवाह की बाधा; बेलपत्र + पीपल
#संतान सुख; आंवला + दूर्वा
#नौकरी/बिज़नेस; धतूरा + अकौड़ा
#मानसिक शांति; दूर्वा + बिल्वपत्र
#शत्रु बाधा; धतूरा + अकौड़ा + नींबू
सावन 2025 का तीसरा सोमवार शिवभक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली दिन है! यदि इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक शिवलिंग पर विशिष्ट पत्तों को अर्पित किया जाए तो निश्चित रूप से मनोकामना पूर्ण होती है! ये पत्ते न केवल भगवान शिव को प्रिय हैं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी विभिन्न ग्रह दोषों के निवारण में सहायक होते हैं!
इस बार सावन के तीसरे सोमवार यानी 28 जुलाई 2025 को आप भी इन पवित्र पत्तों से भगवान शिव का पूजन करें और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा, सुख और समृद्धि से भर दें!